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Showing posts from February, 2019

प्यारी माँ

*कक्षा 7 की बात है* गाँव के सरकारी स्कूल में पढ़ते थे। संस्कृत का पीरियड चल रहा था। गुरूजी दीवाली की छुट्टियों का कार्य बता रहे थे। तभी शायद किसी शरारती विद्यार्थी के पटाखे से स्कूल के स्टोर रूम में पड़ी दरी और कपड़ो में आग लग गयी। देखते ही देखते आग ने भीषण रूप धारण कर लिया। वहां पड़ा सारा फर्नीचर भी स्वाहा हो गया। सभी विद्यार्थी पास के घरो से, हेडपम्पों से जो बर्तन हाथ में आया उसी में पानी भर भर कर आग बुझाने लगे। आग शांत होने के काफी देर बाद स्टोर रूम में घुसे तो सभी विद्यार्थियों की दृष्टि स्टोर रूम की बालकनी(छज्जे) पर जल कर कोयला बने पक्षी की ओर गयी। पक्षी की मुद्रा देख कर स्पष्ट था कि पक्षी ने उड़ कर अपनी जान बचाने का प्रयास तक नहीं किया था और वह स्वेच्छा से आग में भस्म हो गयी थी । सभी को बहुत आश्चर्य हुआ। एक विद्यार्थी ने उस जल कर कोयला बनी पक्षी को धकेला तो उसके नीचे से तीन नवजात चूजे दिखाई दिए, जो सकुशल थे और चहक रहे थे। उन्हें आग से बचाने के लिए पक्षी ने अपने पंखों के नीचे छिपा लिया और अपनी जान देकर अपने चूजों को बचा लिया था। एक विद्यार्थी ने संस्कृत वाले गुरूजी से प्र